Ganesha Ji Aarti ओम जय लक्ष्मी माता आरती लोकप्रिय आरती गीतों में से एक है। कहा जाता है कि माँ लक्ष्मी की आरती गाने और वैदिक मंत्रों का जाप करने से घर में शांति, स्वास्थ्य, धन और समृद्धि आती है।
हर साल दिवाली लक्ष्मी-गणेश पूजा बहुत ही धूम धाम से मनाई जाती है। दिवाली के समय लक्ष्मी माता और सरस्वती माता दोनों का ही पूजन हिन्दू विधि के अनुसार किया जाता है , तथा विघ्नहरता श्री गणेश जी का भी स्तुति आरती किया जाता है .
Ganesha Ji Aarti गणेश जी की आरती Diwali Aarti
Ganesha Ji Aarti
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
एकदंत, दयावन्त, चार भुजाधारी,
माथे सिन्दूर सोहे, मूस की सवारी।
पान चढ़े, फूल चढ़े और चढ़े मेवा,
लड्डुअन का भोग लगे, सन्त करें सेवा।। ..
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश, देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।।
अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया,
बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया।
'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
दीनन की लाज रखो, शंभु सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो जाऊं बलिहारी।
जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ..
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।
Ganesh Ji Ki Aarti गणेश जी की आरती
सुखकर्ता दुःखहर्ता वार्ता विघ्नाची
नुरवी पुरवी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची
कंठी झलके माल मुक्ता फलांची।
जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव
जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति
दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती। जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव
रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा
हीरे जड़ित मुकुट शोभतो बरा
रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरिया।
जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव
जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति
दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती। जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव
लम्बोदर पीताम्बर फणिवर बंधना
सरल सोंड वक्र तुंड त्रिनयना
दास रामाचा वाट पाहे सदना
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुर वर वंदना।
जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव
जयदेव जयदेव जय मंगलमूर्ति
दर्शन मात्रे मन कामना पूर्ती। जयदेव जयदेव जयदेव जयदेव ।।
गणाधीश गजानन दीनदयाल गणपति जी की आरती
(Ganadhish Gajanan Deendayal Ganesh Ji Ki Aarti Lyrics Hindi)
ॐ गणाधीश गजानन दीनदयाल,
आरती उतारू गौरा जी के लाल।। बोलो गणाधीश……
लम्बोदर चतुर्भुज लीला तेरी न्यारी है,
वक्रतुण्ड महाकाय मूसे की सवारी है।।
भक्त जन भर भर लाये लड्डुअन के थाल
आरती उतारू गौरा जी के लाल।। बोलो गणाधीश……..
रिद्धि सिद्धि पत्नी तेरी यश लाभ दो है सुत
तेरी पूजा करने वाला हो जाये पापों से मुक्त।।
बुद्धि के प्रदाता तेरी जय हो ओमकार
आरती उतारू तेरी गौरा जी के लाल।।बोलो गणाधीश…..
ब्रम्हा विष्णु रुद्र से भी पहले पूजा तेरी है
कार्य सिद्ध हेतु तेरी कृपा भी जरूरी है।।
शंख बाजे घंटा बाजे झाँझरो के ताल
आरती उतारू तेरी गौरा जी के लाल ।। बोलो गणाधीश…
माटी से बनाया तुमको माटी तेरी पूजा है
तेरे जैसा एकदन्त और नहीं दूजा है ।
शंकर के दुलारे प्यारे गौरा जी के लाल
आरती उतारू तेरी गौरा जी के लाल। बोलो गणाधीश..
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